शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

तनाव और डायबिटीज का संबंध


भागदौड भरी जिंदगी में लगभग सभी तनावग्रस्त दिखते हैं और तनावग्रस्त दिखना मधुमेह का सबसे बड़ा कारण है। खानपान में लापरवाही और अनियमित दिनचर्या के अलावा तनाव में रहने वालों को मधुमेह हो सकता है। तनाव के दौरान हमारे शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन पैदा हो जाते हैं जो कि इंसुलिन के विपरीत कार्य करते हैं। तनाव ही डायबिटीज का कारण बनता है। मधुमेह के शिकार लोगों में ग्लूकोज की मात्रा अनियंत्रित हो जाती  है। हालांकि, तनाव को पूरी तरह दूर करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन तनाव को कम किया जा सकता है। 

तनाव और डायबिटीज का संबंध – 
शारीरिक और मानसिक तनाव का मधुमेह से बहुत ही गहरा संबंध है। तनाव के कारण मधुमेह हो सकता है। तनाव में खून का शुगर लेवेल बढता है। तनाव से बनने वाले हार्मोन्स जैसे एपीनेफ्रिन और कार्टिसोल ब्लड शुगर को बढाते हैं। अगर आपका ब्लड शुगर स्तर कम होता है तो आपको डायबिटीज होने का खतरा कम होता है लेकिन खून में शुगर स्तर बढने से मधुमेह होने का खतरा बढ जाता है। तनाव के कारण बच्चे भी मधुमेह का शिकार हो रहे हैं। 

तनाव के कारण – 

जीवनशैली - पूरी तरीके से बदली हुई जीवनशैली तनाव का सबसे प्रमुख कारण है। अनियमित दिनचर्या के कारण लोग अपने स्वास्‍थ्‍य का ध्यान नहीं रख पाते हैं जिसके कारण कई बीमारियां शुरू हो जाती हैं। समय से न सो पाने और देर से उठने के कारण भी तनाव होता है। 

काम का दबाव - कंपटीशन की जिंदगी में हर कोई सबसे आगे निकलना चाहता है। इसके लिए आदमी ऑफिस और बिजनेस में ज्यादा काम करता है। काम के दबाव के कारण तनाव होना लाजमी है। 

खान-पान – खाद्य-पदार्थों के रूप में फास्ट फूड का ज्यादा मात्रा में प्रयोग भी तनाव का कारण बनता है। फास्ट फूड खाने के कारण शरीर और दिमाग को भरपूर पोषण नहीं मिल पाता है जिसके कारण तनाव शुरू होता है। 

जिम्मेदारी  पारिवारिक जिम्मेदारी भी तनाव का प्रमुख कारण है। कई बार घर की जरूरतों को पूरा करते-करते आदमी के ऊपर ज्यादा दबाव बढ जाता है। बच्चों की जरूरतें भी तनाव का कारण बनती हैं। 

1 टिप्पणी:

Gyanesh kumar varshney ने कहा…

सर श्री सोहन खारोला जी सादर प्रणाम
आपका हमारे ब्लाग पर आना ब टिप्पणी करना बहुत अच्छा लगा आपके टिप्पणी करने से हमें नयी ऊर्जा मिलती है कृपया आना जारी रखें और अपनी जानकारियो को भी हमें तथा हमारे पाठको को प्रदान करे क्योकि हमारा उद्देश्य आयुर्वेद का प्रचार प्रसार सम्पूर्ण विश्व में करना है सो आपका सहयोग भी अपेक्षित है आपके विचार भी हमारे पाठकों को मिले एसी आशा के साथ आपके कार्य भी आपके ब्लाग पर आ कर देखे तो अभिभूत हो गया हूँ।विल्कुल डाइविटीज वास्तव में आधुनिक जीवन शैली व भागदौड़ वाली जिन्दगी के साथ आराम तलवी से पैदा होने वाला ऐसा रोग बन गया है जिससे समाज का अधिकतर हिस्सा दुःखी है।बहुत ही रोचक जानकारी आपने प्रदान की है।सच रोगों से त्रस्त मानवता को बचाने के लिए जानकारी देंना कि कैसी जीवन शैली अपनायी जाए इस काम में आधुनिक ब्लागिग अच्छा साधन है।आपका प्रयास सराहनीय है। हम ब्लागरो का तो प्रत्येक कदम मानवता की सेवा में ही है।